तब वह कूट लेखक व संकेत प्रेषक (Encoder) की भूमिका में होता है।
2.
विषय वस्तु (किस प्रकार की वस्तुएं संचारित हो रहीं हैं), स्रोत, स्कंदन करने वाला, प्रेषक या कूट लेखक (
3.
विषय वस्तु (किस प्रकार की वस्तुएं संचारित हो रहीं हैं), स्रोत, स्कंदन करने वाला, प्रेषक या कूट लेखक (encoder) (किस के द्वारा), रूप (किस रूप में), चैनल (किस माध्यम से), गंतव्य, रिसीवर, लक्ष्य या कूटवाचक (decoder) (किस को) एवं उद्देश्य या व्यावहारिक पहलू.
4.
एक साधारण माडल में, जानकारी या सामग्री (जैसे प्राकृतिक भाषा में संदेश) कुछ रूप में भेजा जाता है (बोली के भेष में) एक एमिसर / संदर / कूट लेखक (encoder) के द्वारा एक गंतव्य / प्राप्तकर्ता / कूटवाचक (decoder) को थोड़े अधिक जटिल रूप में एक प्रेषक और एक प्राप्तकर्ता पारस्परिक रूप से एक दूसरे से जुड़े हैं संचार का एक विशिष्ट उदाहरण को कहा जाता है भाषण अधिनियम (speech act).
5.
संचार शोर (communication noise) की उपस्थिति में इस संचरण चैनल पर (यहाँ हवा में), स्रोत की प्राप्ति और कूट्वाचना दोषपूर्ण हो सकते हैं और इस प्रकार के भाषण अधिनियम अपेक्षित परिणाम से वांछित रह सकते हैं इस कूट लेखक-संचरण-प्राप्ति-कूत्वाचना नमूने की समस्या यह है की यह प्रतीत होता है कि कूट लेखक और कूत्वाचक दोनों के पास ही कुछ ऐसा औजार है जो कोड किताब का काम करती है, और यह कोड किताब अगर एक् नहीं तो एक् जैसी तो ज़रूर है.
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संचार शोर (communication noise) की उपस्थिति में इस संचरण चैनल पर (यहाँ हवा में), स्रोत की प्राप्ति और कूट्वाचना दोषपूर्ण हो सकते हैं और इस प्रकार के भाषण अधिनियम अपेक्षित परिणाम से वांछित रह सकते हैं इस कूट लेखक-संचरण-प्राप्ति-कूत्वाचना नमूने की समस्या यह है की यह प्रतीत होता है कि कूट लेखक और कूत्वाचक दोनों के पास ही कुछ ऐसा औजार है जो कोड किताब का काम करती है, और यह कोड किताब अगर एक् नहीं तो एक् जैसी तो ज़रूर है.